Friday, September 11, 2009

Ehsaas!


कुछ एहसास जो तुमने अब छोड़े, है ख़ास,
कुछ एहसास जो तुमने तब छोड़े, थे ख़ास;
कुछ तुममे थी खामियां, कुछ मुझमे थी कमजोरियां,
वक्त कभी रुका नही,पीछे मुड़के हमने कभी देखा नही,
चलती का नाम है ज़िन्दगी,
थमना किस्मत में लिखा ही नही;
एहसास गुज़रे हुए कल का,एहसास बीते हुए पल का,
मुट्ठी में बाँध कर लेना चाहती हूँ
पर ये हैं की पारे की तरह फिसलते जा रहे हैं,
रेत होते तो शायद कैद रह जाते;
एहसास हर वो हूक का जो दिलो में उठे;
एहसास हर वो पलक का जो नज़रों से टूटे;
एहसास हर वो लव्ज़ का जो होठों से छूटे;
एहसास हर वो आंसू के; एहसास हर वो मुस्कराहट की;
एहसास बनकर रह गए हैं दिल की हर चाहत,मन की हर राहत;
बहुत से लम्हें गुज़रे प्यार में, तकरार में
एहसास बनकर रह गए है वो हर एहसास आंखों आखों में!

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